पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज चेन्नई पोर्ट अथॉरिटी (सीएचपीए) और कामराजार पोर्ट लिमिटेड (केपीएल) में 187.33 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश से आवश्यक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बंदरगाह बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, व्यापार संचालन को सुगम बनाना और भारत की ग्रीन पोर्ट पहलों को बढ़ावा देना है।
अपने संबोधन में मंत्री महोदय ने कहा कि मंत्रालय बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और भारत को वैश्विक व्यापार में प्रमुख भूमिका दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इन नई परियोजनाओं से देश के समुद्री संपर्क को भी मजबूती मिलेगी।
चेन्नई बंदरगाह पर मंत्री महोदय ने 73.91 करोड़ रुपये की लागत से चार नए एक्जिम गोदामों का उद्घाटन किया। 18,000 वर्ग मीटर में फैले ये गोदाम कृषि उत्पादों और खाद्यान्न जैसे संवेदनशील कार्गो के लिए सुरक्षित भंडारण सुविधा प्रदान करेंगे। सागरमाला योजना के तहत वित्त पोषित यह परियोजना, बंदरगाहों की व्यापार क्षमता को बढ़ाने के भारत के लक्ष्य के अनुरूप है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 4 करोड़ रुपये की लागत से विकसित 350 मीटर लंबी और 12 मीटर चौड़ी नई कंक्रीट तटीय सड़क का उद्घाटन किया, जो चेन्नई बंदरगाह में कंटेनरों के आवागमन को सुगम और पर्यावरण अनुकूल बनाती है।
केपीएल में मंत्री महोदय ने 88.91 करोड़ रुपये के निवेश से दक्षिणी रेलवे संपर्क के दोहरीकरण का उद्घाटन किया, जिससे बंदरगाह की रेल हैंडलिंग क्षमता प्रति दिन 22 से बढ़कर 44 रेक हो गई है। उन्होंने 20.51 करोड़ रुपये की लागत से कोयला जहाजों के लिए एक तटीय विद्युत सप्लाई सुविधा का भी उद्घाटन किया, जो बंदरगाहों में ग्रीन पोर्ट दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रदूषण को कम करती है और डीजल इंजन पर निर्भरता घटाती है।
श्री सोनोवाल ने कहा, “ये परियोजनाएं भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे और सतत विकास की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। हम बंदरगाहों को हरित और टिकाऊ बनाते हुए, वैश्विक व्यापार की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए तैयार कर रहे हैं।”
समारोह में, मंत्री महोदय को आईएपीएच सस्टेनेबिलिटी अवार्ड रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई, और केपीएल के सीएसआर योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने ‘क्लाइव बैटरी क्वार्टर’ का नाम बदलकर ‘रामानुजन क्वार्टर’ करने की घोषणा की, जो मंत्रालय की समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत है।
ये परियोजनाएं भारत के समुद्री विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, जो चेन्नई और कामराजार बंदरगाहों को एक स्थायी और भविष्य के लिए तैयार पोर्ट इको-सिस्टम के रूप में स्थापित करने में सहायक होंगी।