उपराष्ट्रपति ने IIPA की 70वीं वार्षिक आम सभा को संबोधित किया, भारतीय प्रशासन में बदलाव की आवश्यकता पर दिया जोर

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) की 70वीं वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तेजी से औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोक प्रशासन में ऐसी विशेषताएं होनी चाहिए, जो औपनिवेशिक सोच से मुक्त हों और आजादी के बाद की हमारी आकांक्षाओं के अनुरूप हों।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में बताया कि कैसे भारत औपनिवेशिक प्रतीकों को पीछे छोड़ रहा है। उन्होंने कहा, “हमने राजपथ को कर्तव्य पथ बना दिया है, रेसकोर्स रोड अब लोक कल्याण मार्ग है, और किंग जॉर्ज की प्रतिमा की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई है। भारतीय नौसेना के ध्वज में अब हमारा तिरंगा शामिल है।”

प्रधानमंत्री के ‘पंच प्रण’ का उल्लेख
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में बताए गए ‘पंच प्रण’ का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत, अपनी विरासत पर गर्व, एकता की ताकत, नागरिकों का कर्तव्य जैसे संकल्प हमारे लोक प्रशासन का हिस्सा बनने चाहिए।

भावनात्मक बुद्धिमत्ता और प्रौद्योगिकी का महत्व
धनखड़ ने सरकारी अधिकारियों के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सॉफ्ट स्किल्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “लोक सेवा अधिकारियों को हाशिए पर रह रहे लोगों के संघर्षों को समझना चाहिए और ऐसी नीतियों को लागू करना चाहिए जो उनके लिए सहायक हों।” उन्होंने प्रशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन और डेटा विश्लेषण जैसी तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता
उपराष्ट्रपति ने समाज के सभी वर्गों तक तकनीकी प्रगति पहुंचाने पर जोर देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग समावेशी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल परिवर्तन के दौरान यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कमजोर वर्ग मुख्यधारा से बाहर न हों।

महिला आरक्षण और प्रशासन में संवेदनशीलता
महिलाओं की प्रशासनिक भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना न केवल महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक न्याय के पहलू को भी पूरा करता है। उनका मानना है कि नीति निर्माण में महिलाओं की भागीदारी प्रशासन को और अधिक संवेदनशील बनाएगी।

त्योहारों में सुरक्षा और तैयारी की आवश्यकता
धनखड़ ने इस अवसर पर त्योहारों के दौरान दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन को संवेदनशील बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि IIPA ऐसी घटनाओं को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जिला प्रशासन को प्रशिक्षित कर सकता है।

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