नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, और इस दौरान केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच राज्यसभा में कई मुद्दों को लेकर तीखी बहस देखने को मिल रही है। इस बीच, इंडिया गठबंधन से जुड़े सभी विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि यह प्रस्ताव सदन की कार्यवाही के “बेहद पक्षपातपूर्ण तरीके” से संचालित होने के कारण पेश किया गया है।
कांग्रेस महासचिव का बयान
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए कहा, “भारत की पार्टियों के लिए यह एक बेहद दर्दनाक निर्णय था, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में इसे उठाना पड़ा।” उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव राज्यसभा के महासचिव को सौंपा जा चुका है। इस प्रस्ताव पर कांग्रेस, राजद, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई-एम, जेएमएम, आप और डीएमके सहित लगभग 60 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। ध्यान रहे कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए न्यूनतम 50 सांसदों का समर्थन आवश्यक होता है।
राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरर्स के कथित संबंधों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही फिर से स्थगित कर दी गई। एनडीए और इंडिया गुट एक-दूसरे पर सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने का आरोप लगा रहे हैं।
गौतम अडानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
इस बीच, विपक्षी सांसदों ने गौतम अडानी के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा। कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “यह देश का दुर्भाग्य है कि सत्तारूढ़ दल संसद को चलने नहीं दे रहा है। इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्यवाही भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई, जहां सत्ताधारी दल खुद सदन की कार्यवाही में बाधा डालता है।
राज्यसभा में इस समय जारी तनाव और अविश्वास प्रस्ताव ने संसद की कार्यवाही को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है, जो आगामी दिनों में और भी गर्मा सकता है।