नई दिल्ली: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) योजना को गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। अब इस मसौदा विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल ने देशव्यापी आम सहमति बनाने के प्रयास के बाद सिफारिशें कीं। आइए जानते हैं इसके बारे में महत्वपूर्ण विवरण:
100 दिनों के भीतर सभी चुनाव कराए जाने का प्रस्ताव
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ योजना के तहत लोकसभा, राज्य विधानसभा, शहरी निकाय और पंचायत चुनावों को 100 दिनों के भीतर एक साथ आयोजित करने का प्रस्ताव है। सूत्रों के अनुसार, सरकार विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी इस पर विचार-विमर्श करना चाहती है।
एक राष्ट्र, एक चुनाव पैनल की सिफारिशें:
बार-बार चुनावों का नकारात्मक प्रभाव
पैनल का कहना है कि हर साल बार-बार चुनावों का आयोजन अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है।
पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ
पैनल के अनुसार, पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे, और इसके बाद नगरपालिका और पंचायत चुनाव 100 दिनों के भीतर आयोजित किए जाएंगे।
राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना जारी करना
आम चुनाव के बाद, राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी कर सकते हैं, जिसमें लोकसभा की बैठक की तिथि को ‘नियत तिथि’ घोषित किया जाएगा, ताकि निरंतर समन्वय सुनिश्चित हो सके।
नवगठित राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल
नवगठित राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले आम चुनावों के साथ छोटा किया जाएगा।
समीति द्वारा कार्यान्वयन समूह का गठन
पैनल ने इन सुधारों के सफल क्रियान्वयन की निगरानी और सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यान्वयन समूह की स्थापना की सिफारिश की है।
पंचायती और नगर निकाय चुनाव के लिए अनुच्छेद 324ए का सुझाव
समिति पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324ए की शुरूआत का सुझाव देती है और सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए अनुच्छेद 325 में संशोधन का प्रस्ताव करती है।
सदन में बहुमत न होने पर नए चुनाव
अगर सदन में बहुमत न हो या अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाए, तो नए चुनाव कराए जाएंगे। नव निर्वाचित सदन का कार्यकाल अगले आम चुनाव तक ही रहेगा।
चुनाव आयोग को सक्रिय योजना बनाने की सलाह
पैनल ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह कुशल चुनाव प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम और वीवीपैट जैसे आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए सक्रिय रूप से योजना बनाए।
एकीकृत मतदाता सूची और पहचान पत्र प्रणाली
समिति ने सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और पहचान पत्र प्रणाली बनाने का प्रस्ताव किया है।
इस योजना के अंतर्गत चुनावों की लागत को कम करने, प्रशासनिक भार को घटाने और राजनीतिक स्थिरता बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है।