पटना.अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष एकजुट होने की कवायद में लगा है. इसी कड़ी में गैर BJP दलों की पटना में आज (23 जून) ‘महाबैठक’ होने जा रही है. बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी , दिल्ली के सीएम और आप नेता अरविंद केजरीवाल, NCP चीफ शरद पवारसपा प्रमुख अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे समेत प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल हो रहे हैं. बैठक में वामदलों के नेता भी उपस्थित रहेंगे. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि नीतीश कुमार की तरफ से की गई यह पहल क्या रंग लाएगी? क्या अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले BJP के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट हो पाएंगे? इसका पता तो बाद में ही चलेगा, लेकिन बैठक से पहले ही इसमें दरार की खबरें सामने आ रही हैं.
AAP नेता अरविंद केजरीवाल पटना तो पहुंच गए हैं लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि उन्होंने कांग्रेस के सामने एक शर्त रख दी है. AAP का कहना है कि अगर यह शर्त पूरी होती है तभी केजरीवाल बैठक में शामिल होंगे. ANI सूत्रों के हवाले से बताया कि अगर कांग्रेस पटना विपक्ष की बैठक में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन का आश्वासन नहीं देगी, तो आम आदमी पार्टी बैठक से बाहर रहेगी.
बैठक में विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता लोकसभा चुनाव में BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर मंथन करेंगे. बैठक से पहले TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने दो टूक कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ विपक्षी नेता एक परिवार की तरह एकजुट होकर लड़ेंगे. विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि विपक्षी नेताओं की मंत्रणा के दौरान नेतृत्व संबंधी सवालों को दरकिनार कर मिलकर मुकाबला करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में भाग लेने वाले हैं. राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी (SP) इस बैठक में शामिल हो रही है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) को इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था. राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी किसी निजी व्यस्तता के चलते इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और महासचिव अभिषेक बनर्जी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह गुरुवार को पटना पहुंच गए. बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कर रहे हैं. बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हो रही है.
विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘यह तो बस शुरुआत है. विचारों का मिलना महत्वपूर्ण है. इस वक्त चुनावी रणनीति, नेतृत्व संबंधी सवाल और सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना नहीं है.’ उन्होंने कहा कि भाजपा को घेरने के लिए विपक्षी दल जिन मुद्दों को उठाएंगे, वे इस बैठक का शीर्ष एजेंडा होंगे और इस संदर्भ में मणिपुर हिंसा तथा इसमें केंद्र की कथित नाकामी पर चर्चा किए जाने की संभावना है. बैठक में केजरीवाल के राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा के लिए जोर देने पर निगाहें टिकी होंगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है. कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वह केंद्र सरकार द्वारा इस अध्यादेश को संसद में पेश किए जाने पर ‘आप’ का समर्थन करेगी या नहीं?
विपक्षी दलों की यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब उनके आपसी मनमुटाव की खबरें भी सामने आई हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला करने वाले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुर्शिदाबाद जिले में ब्लॉक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं. भाजपा विपक्षी दलों में मतभेदों को लेकर उन पर निशाने साध रही है और बार-बार नेतृत्व का सवाल उठा रही है कि विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा?