नई दिल्ली : न्यायपालिका में पारदर्शिता की ओर कदम – जजों को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने का आदेश

New Delhi: A step towards transparency in the judiciary – Judges ordered to make their assets public

हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के घर से करोड़ों रुपए कैश मिलने का मामला सामने आने के बाद देशभर में न्यायपालिका पर सवाल उठने लगे थे। इस घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी और इसके बाद न्यायाधीशों की संपत्ति के बारे में गंभीर चर्चा शुरू हो गई।

अब, इस संदर्भ में देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत देश के सभी न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है।

सूचना के अधिकार के तहत एक साल पहले मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के जजों में से केवल 13 प्रतिशत ने ही अपनी संपत्ति के बारे में सार्वजनिक घोषणा की है। भारत में कुल 25 हाईकोर्ट हैं, जहां लगभग 1100 न्यायाधीश कार्यरत हैं, और उनमें से महज 98 जजों ने अपनी संपत्ति सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराई है। इसमें भी अधिकांश जज केरल, पंजाब-हरियाणा और दिल्ली हाईकोर्ट से हैं।

हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से बड़े पैमाने पर नोटों की बरामदगी के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या जजों की संपत्ति घोषित करने के लिए कोई आचार संहिता या विशेष दिशा-निर्देश हैं? यह आदेश न्यायपालिका में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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