नई दिल्ली: प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PM Internship Scheme) जल्द ही लॉन्च होने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य देश में रोजगार और स्किल्ड वर्कर्स की कमी को दूर करना है, और युवाओं को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करना है। हालांकि, इस योजना के साथ कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां भी जुड़ी हुई हैं, जिनका समाधान किए बिना इसका प्रभावी कार्यान्वयन मुश्किल हो सकता है।
योजना का उद्देश्य क्या है?
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का मुख्य उद्देश्य अगले पांच साल में 10 मिलियन (1 करोड़) युवाओं को टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत इंटर्न्स को मानदेय (stipend) के साथ 12 महीने की इंटर्नशिप की अवधि पूरी करनी होगी। इसके लिए सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है, जहां कंपनियां युवाओं को इंटर्नशिप के लिए विभिन्न अवसर प्रदान कर रही हैं। अब तक 280 कंपनियां 1.25 लाख से ज्यादा इंटर्नशिप के ऑफर दे चुकी हैं।
उद्योगों को मिलेगा फायदा
यह योजना कंपनियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है। कई कंपनियां स्किल्ड वर्कर्स की कमी का सामना करती हैं और उन्हें ट्रेनिंग देने पर भारी खर्चा आता है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत कंपनियों को पहले से प्रशिक्षित युवा मिल सकते हैं, जिनके पास काम से जुड़ी जरूरी तकनीकी जानकारी होगी। इससे कंपनियों को प्रशिक्षण पर खर्च करने की आवश्यकता कम हो जाएगी, और उनके लिए दक्ष कर्मचारियों की उपलब्धता बढ़ेगी।
योजना की चुनौतियां
हालांकि, इस योजना की सफलता के लिए कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां भी हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कंपनियों को इंटर्न्स को ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें स्थायी नौकरी देने के लिए तैयार रहना होगा। यदि इंटर्नशिप पूरी होने के बाद इन युवाओं को नौकरी नहीं मिलती, तो यह योजना बेरोजगारी की समस्या का स्थायी समाधान नहीं बन सकेगी। इसके अलावा, इतनी बड़ी संख्या में इंटर्नशिप के अवसरों का प्रबंधन करने के लिए सरकार और कंपनियों को दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और सहयोग की आवश्यकता होगी।
क्या स्टाइपेंड पर्याप्त है?
इस योजना के तहत इंटर्न को प्रति माह 4,500 रुपए का मानदेय मिलेगा, जिसमें 500 रुपए कंपनी से और 4,000 रुपए सरकार से मिलेंगे। इसके अलावा, सरकार एक बार का 6,000 रुपए का अनुदान भी देगी। हालांकि, यह राशि बहुत कम मानी जा सकती है, खासकर उन युवाओं के लिए जो पहले से ज्यादा वेतन पा रहे हैं या जिनके पास अन्य विकल्प मौजूद हैं। इसलिए, कई इंटर्न्स के लिए यह राशि आकर्षक नहीं हो सकती है, और यह योजना रोजगार की स्थायित्व और आकर्षण में कम साबित हो सकती है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना युवा कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है, जो उन्हें देश की शीर्ष कंपनियों में कार्य अनुभव प्राप्त करने का मौका देगी। लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार और उद्योग कितनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दिखाते हैं और इंटर्न्स के लिए स्थायी रोजगार सुनिश्चित किया जाता है या नहीं। साथ ही, इंटर्न्स को मिलने वाले मानदेय को लेकर भी सरकार को पुनः विचार करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि योजना को ज्यादा आकर्षक और प्रभावी बनाया जा सके।