बेंगलुरू: “सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (11 दिसंबर) को झूठे दहेज उत्पीड़न के मामलों को लेकर कहा है कि पत्नियों को कानून का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और पत्नी द्वारा फंसाए गए पति और उसके सगे-संबंधियों को फंसाने की प्रवृत्ति को देखते हुए निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए.
आपको बता दें कि बेंगलुरु की एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले 34 वर्षीय AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने 9 दिसंबक को अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी.मरने से पहले अतुल सुभाष ने 24 पेज का सुसाइड नोट और 90 मिनट का एक वीडियो छोड़ा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इस वीडियो में अतुल सुभाभ ने पत्नी और उसके परिजनों पर उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाया था. ये वीडियों जैसे ही लोगों के सामने आया वैसे ही लोगों के मन सवाल उठने लगे कि महिलाओं के हर अधिकार पर आवाज उठाने वाला समाज क्या पुरुषों के अधिकारों के लिए आवाज ऊंची करेगा.
क्या है पूरा मामला?
साल 2019 में अतुल की शादी हुई थी. जिसके 2 साल बाद पत्नी ने उनपर दहेज उत्पीड़न, हत्या से लेकर कई केस दर्ज करा दिए. साथ ही पत्नी ने उनसे 3 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता मांगा और अतुल के बेटे को भी उनसे दूर कर दिया. अतुल मे आगे बताया कि उनकी पत्नी के पिता की शादी के बाद बीमारी से मौत हुई लेकिन ससुरालवालों ने उनके ऊपर हत्या की एफआईआर भी दर्ज करा दी. अतुल के आरोप के मुताबिक फैमिली कोर्ट में जज ने मामला निपटवाने के पांच लाख रुपये मांगे.
पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ दर्ज की FIR
एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी मामले में बेंगलुरू पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 और धारा 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.