नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोलकत्ता हाईकोर्ट के उस निर्णय को सही ठहराया, जिसमें पश्चिम बंगाल के स्कूलों में लगभग 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताओं और धोखाधड़ी का हवाला देते हुए इस फैसले को बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इन अनियमितताओं के कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया को दोषपूर्ण मानते हुए इसे रद्द करना उचित था। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों को पहले भर्ती किया गया था, उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त वेतन वापस करने की आवश्यकता नहीं है।