नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि महिलाओं के हित में बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग उनके पतियों के खिलाफ उत्पीड़न, धमकी या जबरन वसूली के लिए नहीं किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि गुजारा भत्ता पूर्व पति-पत्नी के बीच वित्तीय समानता लाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आश्रित महिला को एक उचित जीवन स्तर प्रदान करना है। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई करते हुए की, जिसमें एक महिला ने अपने पूर्व पति से…
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