बेगूसराय ।समाज के सर्वांगीण और चहुँमुखी विकास के लिये शिक्षा की उपयोगिता और सार्थकता को दरकिनार नहीं किया जा सकता है, लेकिन ग्लोबल विलेज में तब्दील होती जा रही हिंदुस्तान और बिहार के दलित,महादलित और वंचित वर्ग के बच्चे सरकार के लाख प्रयास के बावजूद आज भी मूलभूत और स्तरीय शिक्षा से इसलिये वंचित देखे जा रहे हैं क्योंकि सामाजिक स्तर पर लोगों की पारंपरिक मनोदशा में परिवर्तन नहीं आया है फिर भी ऐसे धुंधलके माहौल में अंबेडकर पाठशाला के रूप में हमें आशा की किरण नजर आती है जिससे…
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