नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सातवें वित्त आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी को अपनी मंजूरी दे दी है। यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस बढ़ोतरी के बाद पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा।
सातवें वित्त आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में एक वर्ष में दो बार बढ़ोतरी की जाती है, जो कि छमाही आधार पर की जाती है। इससे पहले अक्टूबर 2024 में महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे यह 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया था।
अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है, तो महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से पहले उन्हें 26,500 रुपये का महंगाई भत्ता मिल रहा था। अब यह बढ़कर 27,500 रुपये हो जाएगा। यानी 50 हजार रुपये की बेसिक सैलरी वाले केंद्रीय कर्मचारी की सैलरी में 1000 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी।
केंद्र सरकार की ओर से महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी मार्च के अंत में घोषित की गई है। हालांकि, यह नई बढ़ोतरी 1 जनवरी 2025 से प्रभावी मानी जाएगी। इसका मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी महीने के साथ मार्च का भी महंगाई भत्ता उनकी सैलरी में जोड़कर दिया जाएगा।
हाल ही में सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन भी किया है, और नए वेतन आयोग की सिफारिशें अगले साल यानी 2026 के पहले महीने जनवरी से लागू होने की उम्मीद है।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी। यह बढ़ोतरी मूल्य वृद्धि सूचकांक के आधार पर की गई है, जो महंगाई दर के अनुसार तय की गई है।