भारत-अमेरिका भागीदारी 21वीं सदी का एक निर्णायक क्षण है: पीयूष गोयल

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-अमेरिका भागीदारी 21वीं सदी का एक निर्णायक क्षण है। उन्होंने “चलें साथ-साथ : हम साथ-साथ चलते हैं” के आदर्श वाक्य को दोहराया, जो इस भागीदारी की गहराई को दर्शाता करता है। उन्होंने नई दिल्ली में भारत की 31वीं वार्षिक आम बैठक में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया (एमचैम) में ‘यूएस-इंडिया पार्टनरशिप: फोर्जिंग अहेड’ के बारे में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान, आपसी विकास और समृद्धि के लिए भारत-अमेरिका व्यापार और निवेश में विविधता लाने और उन्हें मजबूत बनाने के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के नेता, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं और दुनिया की जटिल भू-राजनीतिक समस्याओं के समाधानों का पता लगाने के लिए सुचारू रूप से मिल कर काम करते हैं। पीयूष गोयल ने 5टी- टैलेंट, टेक्नोलॉजी, ट्रेडिशन, ट्रेड और ट्रस्टीशिप का उल्लेख किया- जिनकी प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों के एक विजन के रूप में पहचान की थी।

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले कुछ वर्षों में सबसे अधिक रहा है और हमारा उद्देश्य आने वाले वर्षों में इसमें कई गुना वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन अमरिकी डॉलर निर्यात का लक्ष्य पूरी दुनिया में भारत की बढ़ती हुई प्रतिष्ठा और मान्यता के साथ अमेरिका जैसे साझा मूल्यों वाले और समान विचारधारा वाले देशों के साथ भागीदारी को मजबूत बनाने के साथ संभव होगा।

पीयूष गोयल ने अमेरिका में काम करने वाली भारतीय कंपनियों और भारत में काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों के उदाहरण देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि ये कंपनियां एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था में किस प्रकार महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि ये व्यापारिक संबंध दोनों देशों में भागीदारी को और मजबूत बना रहे हैं। उन्होंने यह इच्छा जाहिर की कि निकट भविष्य में अधिक से अधिक अमेरिका स्थित निमग भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करेंगे।

पीयूष गोयल ने अमेरिका की कंपनियों को भारत में अपने आधार स्थापित करने और अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों जैसे नए मोर्चे तक विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि भारत अभी हाल में किए गए नीतिगत सुधारों के साथ अमरीकी कंपनियों को समृद्धि और प्रगति प्रदान करता है। जिसमें मौलिक व्यापक आर्थिक मापदंडों, सस्ती श्रम लागत, समावेशी और सतत विकास तथा कारोबार को लगातार आसान बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि दोनों देश रक्षा विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, इंजीनियरिंग उत्पाद, ऑटो कंपोनेंट, विद्युत उत्पाद, कृषि उत्पाद आदि जैसे अनेक मर्केंडाइज क्षेत्रों का अगले स्तर तक विस्तार करने के साथ-साथ आईटी, व्यवसाय प्रक्रिया आउटसोर्सिंग, अनुसंधान एवं विकास, पर्यटन, जैसे सेवा क्षेत्रों में मिलजुल कर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है और इसमें नई ऊंचाइयों को छूने की व्यापक क्षमता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के व्यवसायों के द्वारा भारत द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली तकनीकी और प्रबंधकीय प्रतिभा दुनिया के साथ भारत के संबंधों को अधिक मजबूत बनाती है। उन्होंने भारतीय या भारतीय मूल के सीईओ वाले अनेक अमेरिकी निगमों का उदाहरण भी दिया।

पीयूष गोयल ने कहा कि अमृत काल भारत के लिए निर्णायक अवधि है जिसमें अर्थव्यवस्था के विकास में भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहा है और देश की समृद्धि और अच्छा भविष्य लाने वाली अर्थव्यवस्था के विकास में भी योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में सरकार द्वारा शुरू की गई सुधार प्रक्रियाएं भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित कर देंगी। पीयूष गोयल ने कहा कि लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा जैसी कनेक्टिविटी और बिजली आदि जैसे लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार के प्रयास भारत के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में योगदान दे रहे हैं तथा मह्त्वकांक्षी युवाओं को भारत के तेजी से विकास में योगदान करने में समर्थ बना रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योग के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं के वितरण के साथ अपने पैरों पर खड़ा हो और व्यापार में सरकार का कम से कम हस्तक्षेप हो।

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका में समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा (आईपीईएफ), यूएस-इंडिया सीईओ फोरम, क्वाड आदि जैसे विभिन्न मंचों पर बहुपक्षीय बातचीत होती रहती है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापक और रणनीतिक भागीदारी, साझा मूल्यों की मजबूत बुनियाद, कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता, पारदर्शिता, व्यापार की स्वतंत्रता, मीडिया की स्वतंत्रता, स्वतंत्र न्यायपालिका आदि पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका अर्थव्यवस्था के बीच पूरकता है और दोनों देश समृद्ध और तर्कसंगत निर्णय लेने के लिए सहयोग करते हैं।

उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत और गहरा बनाने के लिए अमेरिका की वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो की अभी हाल की भारत यात्रा के महत्व का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान सुश्री रायमोंडो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और भारत में बदलाव लाने के बारे में उनके दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रायमोंडो ने प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग और प्रभावी नीति निर्माण के माध्यम से गरीबी को दूर करने और भारत के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के बारे में भी सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया।

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भारत के कार्य प्रदर्शन की प्रशंसा की क्योंकि भारत ने जलवायु कार्रवाई के कार्य प्रदर्शन में शीर्ष 5 देशों में शामिल होने के साथ की गई अपनी प्रतिबद्धताओं से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध ठोस लड़ाई लड़ रहा है, जो पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कम विकसित, विकासशील और विकसित देशों को एक मंच पर लाएं हैं।

पीयूष गोयल ने एमचैम द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका और भारत-अमेरिका भागीदारी के लिए इसके द्वारा दी गई प्रेरणा की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेतृत्व के बीच सामूहिक प्रयास, लोगों के बीच गर्मजोशी आदि दोनों देशों को आपसी प्रगति और विकास के लिए अज्ञात क्षेत्रों में भी भागीदार बनाने में सक्षम बनाते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में दो रिपोर्ट- 1. द इंडिया ऐज – यूएस इंडस्ट्रीज कैटेलाइजिंग द ग्रॉथ ट्रेजेक्टरी 2. फ्यूचर ऑफ अर्बन मोबिलिटी – इंटीग्रेशन ऑफ प्लेटफार्म्स भी जारी की।

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