बीजेपी ने अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी कर 21 मार्च 2025, यानी शुक्रवार को सदन में मौजूद रहने का फरमान सुनाया है। इसका मतलब साफ है कि कल संसद में कुछ बड़ा होने वाला है। व्हिप कोई सामान्य चिट्ठी नहीं होती, इसे तब जारी किया जाता है जब सरकार कोई महत्वपूर्ण बिल पास कराने की तैयारी में हो। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बीजेपी ने ये कदम क्यों उठाया और शुक्रवार को क्या खास होने वाला है?
क्यों जारी हुआ व्हिप?
शुक्रवार को लोकसभा में बजट पास होने वाला है। बजट सत्र का ये वो महत्वपूर्ण क्षण होता है जब सरकार अपनी पूरी ताकत झोंक देती है। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर कहा है कि शुक्रवार को हर हाल में लोकसभा पहुंचें, क्योंकि बजट को पास कराना है। ऐसा पहले भी होता रहा है कि सत्ताधारी पार्टी बजट से पहले अपने सांसदों को अलर्ट करती है ताकि कोई गड़बड़ न हो। बीजेपी की मंशा साफ है – बजट को बिना किसी रुकावट के पास करना।
गिलोटिन क्या है?
अब बात करते हैं उस गिलोटिन की, जिसे लेकर चर्चा जोरों पर है। नाम सुनकर लगता है जैसे कोई डरावनी चीज हो, लेकिन संसद में ये एक सामान्य प्रक्रिया है। आसान शब्दों में कहें तो गिलोटिन का मतलब है कि बजट से जुड़े सारे वित्तीय कामकाज को एक साथ लपेटकर तेजी से पास कर देना। आमतौर पर बजट सत्र में ऐसा तब किया जाता है जब समय कम हो या विपक्ष हंगामा कर रहा हो। गिलोटिन लगते ही बाकी बची अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं होती, सीधे वोटिंग हो जाती है। इससे सरकार को ये भरोसा हो जाता है कि बजट समय पर पास हो जाएगा और काम रुकने नहीं पाएगा।
शुक्रवार का दिन क्यों है खास?
21 मार्च 2025 को लोकसभा में गिलोटिन का इस्तेमाल होगा, यानी बजट को तेजी से पास करने की तैयारी है। ये कोई सामान्य बात नहीं है, बल्कि तब होता है जब सरकार को लगता है कि अब और देर नहीं कर सकते। बीजेपी ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को तैयार रहने को कहा है ताकि बहुमत के दम पर बजट आसानी से पास हो सके। अगर विपक्ष हंगामा करता भी है, तो गिलोटिन की मदद से सरकार अपनी बात मनवा लेगी। गिलोटिन से बजट तो पास हो जाएगा, लेकिन कई बार विपक्ष इसे लोकतंत्र की आवाज दबाने का तरीका बताता है।