बिहार वासियों का विशेष त्योहार, छठ पर्व में है सूर्य देवता के पूजा का विधान

वीरेंद्र कुमार सिंह
सीतामढ़ी । एक ऐसा पूजा जिसमें कोई पंडित पुजारी नहीं होता जिस पूजा में देवता प्रत्यक्ष रूप से दिखाई पड़ता हैं
इस पूजा में डूबते सूरज व उगते सूरज को प्रत्यक्ष पूजते हैं जिसमें व्रत करने वाले समुदाय से पड़े हैं जिसमें मात्र लोक गीत गाए जाते हैं इस पूजा में पकवान घर से बनाए जाते हैं इस पर्व में घाट पर ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं रखते हैं । इस पूजा में अमीर गरीब बड़े छोटे श्रद्धा से प्रसाद ग्रहण करते हैं।ऐसा इस पर्व का मान्यता माना गया है कि दो सच्चे मन एवं श्रद्धा के साथ पूजा आराधना करते हैं सूर्य भगवान उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं यह पर्व हमारे बिहार राज्य के अलावा कई राज्यों में भी बड़े धूमधाम से किया जाता है और ऐसा माना जाता है कि हमारे बिहार राज्य का एक बहुत ही महान पर्व माना गया है यह साल में दो बार कार्तिक व चैत मास में किया जाता है।आप तमाम बिहार वासियों एवं सीतामढ़ी जिला वासियों को इस महान पर्व चैती छठ के अवसर पर चौथी-वाणी*परिवार की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाई।

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