नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) एक बार फिर दिल्ली में अपनी जीत का दावा कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी लंबे समय बाद सत्ता में वापसी का विश्वास व्यक्त कर रही है। कांग्रेस अपने पुराने प्रदर्शन को सुधारने की कोशिश कर रही है। इन चुनावों में सभी पार्टियां जनता को लुभाने के लिए घोषणापत्र जारी कर रही हैं। शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपना ‘संकल्प पत्र’ जारी किया, जिसे लेकर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है।
प्रधानमंत्री पर चुटकी लेते हुए केजरीवाल का हमला
अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के घोषणापत्र पर चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की नकल करते हुए कई ‘रेवड़ियों’ का वादा किया है। केजरीवाल ने दावा किया कि पीएम मोदी अब स्वीकार करें कि मुफ्त में चीजें देना गलत नहीं है, जैसा कि उन्होंने पहले कहा था। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने बार-बार कहा था कि ‘आप’ मुफ्त में चीजें देती है, लेकिन अब वे भी दिल्ली के लोगों को मुफ्त में चीजें देने का वादा कर रहे हैं।
केजरीवाल ने पीएम मोदी से की अपील
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि वे यह स्वीकार करें कि मुफ्त में चीजें देना गलत नहीं है। उन्होंने कहा, “यह भगवान का उपहार है और देश के लिए अच्छा है। प्रधानमंत्री मोदी को यह स्वीकार करना चाहिए कि जो उन्होंने हमारे बारे में कहा था, वह गलत था।”
‘संकल्प पत्र’ को बताया ‘झूठ का पुलिंदा’
केजरीवाल ने आगे कहा कि बीजेपी का घोषणापत्र सिर्फ ‘झूठ का पुलिंदा’ है। उन्होंने बीजेपी के घोषणापत्र में किए गए वादों पर भी सवाल उठाया और कहा कि भाजपा ने वही वादे किए हैं जो आम आदमी पार्टी पहले से ही कर रही है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यदि बीजेपी उन वादों को पूरा नहीं कर पा रही थी, तो उन्हें वोट क्यों दिया जाए?
मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने का आरोप
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के घोषणापत्र में मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने का वादा किया गया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली के नागरिकों से पूछेगी कि क्या उन्हें ये मोहल्ला क्लीनिक चाहिए या नहीं।
नागरिकों के हित में ‘आप’ की योजनाओं का समर्थन
केजरीवाल ने अंत में कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा लोगों के लिए योजनाएं बनाई हैं, जो उनके वास्तविक हित में हैं। उन्होंने बीजेपी को चुनौती दी कि वे अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने में सफल नहीं हुए हैं, और जनता को यह समझाने का समय आ गया है कि कौन सच्चा है और कौन नहीं।