बिहार के 20 वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार, गृह विभाग ने भेजा पत्र

Sword of action on 20 senior IAS and IPS officers of Bihar, Home Department sent letter

पटना: बिहार के 20 वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों के पीएआर (पार्शियल एसेसमेंट रिपोर्ट) को ऑनलाइन अपडेट करने में देरी करने का आरोप लगा है। इन अधिकारियों ने निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद भी यह कार्य पूरा नहीं किया। अब गृह विभाग ने संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजकर 28 फरवरी तक पीएआर को ऑनलाइन दर्ज करने का निर्देश दिया है, अन्यथा यह मामला अगले स्तर पर भेज दिया जाएगा।

गृह विभाग का पत्र: समय सीमा तक कार्रवाई करने का आदेश
गृह विभाग ने एक पत्र में कहा है कि बिहार पुलिस सेवा के कुछ अधिकारियों का वित्तीय वर्ष 2023-24 का ऑनलाइन माध्यम से पीएआर आलेखित करने का कार्य लंबित पड़ा हुआ है। इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 थी, लेकिन अब तक इसे अपडेट नहीं किया गया है। पत्र में यह भी कहा गया कि अगर यह काम समय रहते पूरा नहीं किया गया तो इसे अगले स्तर पर भेजा जाएगा। यह पत्र गृह विभाग के अपर सचिव की ओर से जारी किया गया है।

लंबित पीएआर का जिम्मेदार कौन?
जिन वरिष्ठ अधिकारियों पर यह आरोप है, उनमें बिहार के विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर बी. राजेन्दर, महानिदेशक पुलिस भवन निर्माण निगम आलोक राज, पूर्व डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी, महानिदेशक प्रशिक्षण प्रीत वर्मा, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के महानिदेशक अमरेंद्र कुमार अंबेडकर, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिदेशक बी. श्रीनिवासन, केंद्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक एस. रवींद्रन, सुशील मानसिंह खोपड़े, बच्चू सिंह मीणा, नैयर हसनैन खान, संजय सिंह, कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक राकेश राठी, पुलिस उपमहानिरीक्षक संजय कुमार, विवेकानंद, जयंत कांत और नवीन चंद्र झा जैसे कई प्रमुख अधिकारी शामिल हैं।

गृह विभाग का यह कदम अधिकारियों के कार्यों में गति लाने के लिए उठाया गया है, ताकि समय पर सभी जरूरी कार्य पूरे हो सकें और प्रशासन में कोई रुकावट न आए।

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