वक्फ संशोधन विधेयक 2025: किरेन रिजिजू का ऐतिहासिक बयान, कहा- यह राष्ट्रहित में है

Waqf Amendment Bill 2025: Kiren Rijiju's historic statement, said- it is in national interest

नई दिल्ली: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में पेश किए जाने वाले वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम करार देते हुए कहा कि यह विधेयक राष्ट्रहित में पेश किया जा रहा है और इसका समर्थन केवल करोड़ों मुसलमानों द्वारा नहीं, बल्कि पूरे देश द्वारा किया जाएगा। रिजिजू ने इस विधेयक को गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया।

लोकसभा में विधेयक पेश करने से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “आज एक ऐतिहासिक दिन है। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 देश के हित में लाया जा रहा है। हम राष्ट्र को लाभ पहुंचाने वाली हर पहल के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह विधेयक बहुत सोच-समझकर और पूरी तैयारी के साथ पेश किया जाएगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे केवल राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। रिजिजू ने कहा, “मैं सदन में तथ्य पेश करूंगा। यदि कोई विरोध करता है, तो वह तर्क के आधार पर करे, हम उसका जवाब देने को तैयार हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता, जिनमें धार्मिक नेता भी शामिल हैं, निर्दोष मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उदाहरण देते हुए कहा, “इन्हीं लोगों ने कहा था कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।”

रिजिजू ने यह भी दावा किया कि कई कांग्रेस नेता और विपक्षी दल निजी तौर पर इस विधेयक की आवश्यकता को स्वीकार करते हैं, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के चलते इसका विरोध कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में है और इसके बारे में किसी भी प्रकार की गलतफहमी को दूर करने के लिए वह सदन में पूरी पारदर्शिता के साथ तथ्य प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक पर चर्चा के दौरान सभी पक्षों के तर्कों का जवाब दिया जाएगा।

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। वक्फ अधिनियम, 1995 में यह पहला संशोधन नहीं होगा। इससे पहले, 2013 में यूपीए सरकार के दौरान भी इस कानून में संशोधन किए गए थे।

इस बिल पर बहस के लिए सत्ताधारी गठबंधन को 4 घंटे 40 मिनट का समय दिया गया है। लोकसभा में बहस के लिए भाजपा, कांग्रेस, जदयू, टीडीपी समेत विभिन्न पार्टियों ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है।

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