वाशिंगटन: सोमवार को वैश्विक बाजारों, खासतौर से एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी विवादास्पद टैरिफ नीतियों का जोरदार बचाव किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के नेता ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ (आधारभूत टैरिफ) पर समझौता करने के लिए बेताब हैं।
ट्रंप ने दी लंबी अवधि के व्यापार असंतुलन को ठीक करने की दवा
सोमवार को एशियाई बाजारों में गिरावट के बावजूद, ट्रंप ने उन आशंकाओं को कम करने की कोशिश की जो उनकी टैरिफ नीति को लेकर उभरी थीं। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि उनके टैरिफ के कारण बाजार को जो परेशानियां हुईं, वह दीर्घकालिक व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए एक जरूरी ‘दवा’ है। एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने यह भी कहा कि, “कभी-कभी आपको किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।”
ट्रंप ने वैश्विक नेताओं से संपर्क करने का दावा किया
ट्रंप ने यह भी बताया कि वीकेंड के दौरान उन्होंने कई विश्व नेताओं से संपर्क किया था और दावा किया कि कई देश समझौता करने के लिए तैयार हैं। बावजूद इसके, वैश्विक बाजारों में भारी नुकसान के बाद भी ट्रंप प्रशासन ने अपनी आक्रामक टैरिफ नीति से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया।
चीन की जवाबी कार्रवाई और व्यापार युद्ध की चिंता
चीन ने ट्रंप के टैरिफ के जवाब में अपनी विशेष जवाबी कार्रवाई की घोषणा की है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध और बढ़ने की चिंता और गहरी हो गई है। अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका अपनी मौजूदा नीति पर कायम रहा, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर मंदी का सामना करना पड़ सकता है।
मंदी का खतरा और बाजार में उथल-पुथल
जेपी मॉर्गन के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रूस कासमैन ने मंदी के जोखिम को 60 प्रतिशत बताया। विशेषज्ञों ने इस उथल-पुथल की तुलना 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ से की, जब वैश्विक बाजारों ने एक ही दिन में 1.71 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान किया था। सीएनबीसी के जिम क्रैमर ने चेतावनी दी कि अगर ट्रंप की व्यापार नीतियां इसी तरह जारी रहती हैं, तो बाजारों को एक और भयावह घटना का सामना करना पड़ सकता है।
बाजारों पर अगले कदमों की निगाहें
क्योंकि बाजार अगले सप्ताह भी अस्थिर रहने की संभावना जताई जा रही है, सभी की नजरें अब व्हाइट हाउस और व्यापार संघर्ष के अगले कदमों पर टिकी हुई हैं।