बिहार DGP विनय कुमार का फरमान, किसी भी थाना से नहीं लौटे कोई फरियादी, करें जीरो एफआइआर

Bihar DGP Vinay Kumar's order, no complainant should be turned away from any police station, file zero FIR

गया पहुंचे डीजीपी विनय कुमार ने पुलिस ऑफिस में घंटों बैठक की. यहां उन्होंने मगध रेंज के आइजी क्षत्रनील सिंह, एसएसपी आनंद कुमार, सिटी एसपी रामानंद कुमार कौशल और एएसपी अनवर जावेद अंसारी की मौजूदगी में जिले के सभी इंस्पेक्टर व डीएसपी रैंक के सभी पुलिस पदाधिकारियों को दर्जनों बिंदुओं पर टिप्स दिया. डीजीपी ने कहा कि बदलते माहौल में अब पुलिस को भी अपनी छवि पर ध्यान देने जरूरत है. ऐसा करने से पब्लिक के बीच पुलिस महकमे के प्रति एक नया विश्वास कायम होगा.

गलत सूचना देने पर हो कार्रवाई: DGP ने आगे काह कि अब किसी फरियादी को यह कह कर उसे थाना परिसर से लौटा दे रहे हैं कि अमुक घटना उनके थाना क्षेत्र में नहीं है, तो इससे पीड़ित व्यक्ति और दु:खी हो जाता है. जबकि ऐसे मामले में थानाध्यक्ष की थोड़ी सी सतर्कता से जीरो एफआईआर करने पर पीड़ित को काफी राहत मिल सकती है.

डीजीपी ने एसएसपी व सिटी एसपी को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में सभी थानों से एक ऐसा रेकॉर्ड बनाये, जिसमें उल्लेख हो कि किस थाने में कितना जीरो एफआईआर दर्ज किया गया. लेकिन, अगर कोई गलत सूचना देता है तो उसके विरुद्ध स्पष्टीकरण सहित अन्य कार्रवाई करें.

पुलिस पर हो रहे हमले के प्रति हो गंभीर: डीजीपी ने कहा कि हाल के दिनों में पुलिस पर हो रहे हमले से संबंधित घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. इस विषय पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है. उन कारणों की तलाश करें, जिससे पब्लिक उग्र होकर पुलिस पर हमला करने को विवश हो जा रही है.

ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने को लेकर कारगर कदम उठाये. पुलिस व पब्लिक के बीच दोस्ताना व्यवहार करें. लेकिन, ऐसा नहीं हो कि कोई व्यक्ति आवश्यक रूप से थाना परिसर में बैठकी लगाता रहे. ऐसे लोगों को चिह्नित कर अंकुश लगाये.

नये कानून व ई-साक्ष्य के प्रति रहे सचेत: डीजीपी ने पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि हाल ही में लागू हुए नये कानून के प्रति सजग रहें. साथ ही ई-साक्ष्य के प्रति सभी इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर सचेत रहे. ई-साक्ष्य संकलन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. लंबित कांडों के अनुसंधान में पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा टाल-मटोल की नीति अपनायी गयी, तो ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी.

लापता नाबालिग व बालिग लोगों में दर्ज करें एफआईआर: डीजीपी ने कहा कि लापता होनेवाले नाबालिग बच्चे व बच्चियों सहित व्यस्क लोगों के मामले में बिल्कुल लापरवाही नहीं करें. परिजनों के द्वारा सूचना मिलते ही एफआईआर दर्ज करें और उसे बरामद करने के प्रति आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दें. ऐसा देखा जाता है कि मीसिंग के मामले में संबंधित थाने के पुलिस पदाधिकारी सिर्फ आवेदन लेकर परिजनों को समझा बुझा कर थाना से चला देते हैं. ऐसा करनेवाले पुलिस पदाधिकारी दंड के भागी होंगे. ऐसी घटनाओं को लेकर पूर्व में भी ठोस निर्देश दिया जा चुका है.

हाल के वर्षों में 2025 ऐसा साल है, जब रामनवमी में नहीं हुई कोई घटनाएं: डीजीपी ने पुलिस पदाधिकारियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हाल के वर्षों में 2025 ऐसा साल रहा है, जब रामनवमी में पूरे बिहार में हिंसक घटनाएं नहीं हुई है. मगध रेंज के गया सहित पांचों जिलों में बहुत ही शांतिपूर्ण माहौल में रामनवमी पर्व संपन्न हुआ. इसके लिए सभी पुलिस पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं. जल्द ही पुलिस पदाधिकारियों को सम्मानित किया जायेगा.

लगातार चार घंटों तक दिये टिप्स: करीब तीन बजे शुरू हुई मीटिंग के दौरान डीजीपी ने लगातार चार घंटों तक पुलिस पदाधिकारियों को दर्जनों बिंदुओं पर टिप्स दिया. इस दौरान डीजीपी ने अपने आइपीएस जीवन काल में अबतक हुई कई महत्वपूर्ण घटनाओं का भी जिक्र करते हुए पुलिस पदाधिकारियों को गुर सिखाये. डीजीपी ने कहा कि थाना परिसर में बने आगंतुक कक्ष को सुंदर बना कर रखें.

थाना परिसर में आनेवाले हर लोगों की इंट्री विजिटर बुक में दर्ज करें और संबंधित वरीय अधिकारी विजिटर बुक का जायजा लेंगे, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि थाना में किस-किस प्रकार के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. डीजीपी ने कहा कि सभी थानाध्यक्ष पंचायत स्तर पर जनता दरबार लगाये. पब्लिक से मिलने-जुलने में कोई कोताही नहीं करें. साथ ही उनके साथ बैठक चाय-नाश्ता भी करें और चाय-नास्ता का खर्च का भुगतान संबंधित विभाग से कराये.

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