भोरे/गोपालगंज: केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए डीपी डीपी बिल को लेकर। विपक्ष पूरी तरह से अब केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। वही इस बिल को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे ने बीजेपी सरकार को तानाशाही सरकार बताते हुए हमला बोला है तो देश के 30 से ऊपर पत्रकार संगठनों के द्वारा इस कानून की आलोचना की गई है। विपक्ष का साफ कहना है कि केंद्र सरकार सूचना के अधिकार कानून को पूरी तरह से खत्म करने में लगी है। सरकार डेटा सुरक्षा के नाम पर पूंजीपतियों और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए यह कानून लाई है।
वही इस कानून को लेकर आज भोरे में माले नेता सुभाष पटेल ने भी कड़ी प्रक्रिया दी है। और बीजेपी पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है की बीजेपी डेटा सुरक्षा के नाम पर सूचना के अधिकार (RTI) कानून को कमजोर कर रही है. उन्होंने इसे जनता के मौलिक अधिकारों पर हमला बताया और कहा कि माले इसकी रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।
देश के चौथे स्तंभ को खत्म करने में जुटी है बीजेपी। वही पत्रकारों से वार्ता करते हुए माले नेता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार डीपी डीपी कानून के तहत जहां सूचना के अधिकार कानून को खत्म करने में जुटी है तो दूसरी तरफ इस कानून के लागू होने के बाद देश का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला मीडिया पूरी तरह खत्म हो जाएगा। कोई भी पत्रकार किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या भ्रष्ट राजनेता का नाम उजागर नहीं कर पाएंगे। क्योंकि इस कानून में निजता का अधिकार के तहत पत्रकारों पर ढाई करोड रुपए के जुर्माना का प्रावधान सरकार की तरफ से कर दिया गया है। वही माले नेता ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गोद में पल रहे सरकार के रहनुमा और मंत्री को बचाने के लिए बीजेपी तंत्र का प्रयोग कर रही है। लेकिन हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि महागठबंधन के नेता चुप बैठने वाले नहीं हैं।