बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक एन मुनिरत्ना नायडू पर अंडे से हमला होने के बाद सियासी बवाल मच गया है। विधायक मुनिरत्ना ने आरोप लगाया है कि यह हमला जान से मारने की कोशिश के तहत किया गया था। उन्होंने इस मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है। घटना बुधवार को हुई थी, जब पुलिस ने मौके से तीन लोगों को हिरासत में लिया था। विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि हमले में इस्तेमाल किए गए अंडों में एसिड और हानिकारक रासायनिक पदार्थ थे, जिनसे उनका नुकसान करने की कोशिश की गई।
क्या अंडों में था एसिड?
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मुनिरत्ना ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें दवाएं दी हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन पर फेंके गए अंडों में एसिड था, तो उन्होंने कहा, “पुलिस विभाग कठपुतली की तरह काम कर रहा है और इस पर विस्तृत जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में देंगे।”
कांग्रेस नेता ने किया पलटवार
इस घटना के बाद बेंगलुरु के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हनुमंतरायप्पा ने पलटवार करते हुए मुनिरत्ना को नीच व्यक्ति बताया और कहा कि वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुनिरत्ना बलात्कार के आरोप में फंसे हुए हैं और विरोधियों को एचआईवी से संक्रमित करने की कोशिश करने के आरोप का सामना कर रहे हैं। हनुमंतरायप्पा ने यह भी कहा कि मुनिरत्ना ने मामले को डायवर्ट करने के लिए यह ड्रामा रचा।
ऑडियो रिकॉर्डिंग पर भी उठे थे सवाल
कांग्रेस नेता ने यह भी याद दिलाया कि मुनिरत्ना ने पहले दावा किया था कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में जो आवाज थी, वह उनकी नहीं थी, जिसमें उन्होंने वोक्कालिगा समुदाय को गाली दी थी। लेकिन बाद में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट ने पुष्टि की थी कि वह आवाज मुनिरत्ना की थी।
विपक्ष ने की मामले की जांच की मांग
विपक्ष के नेता आर. अशोक ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस को पहले मामले की जांच करने दीजिए। उन्होंने कहा, “हमारे विधायकों को बार-बार निशाना बनाया जाता है। अगर कोई ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है, तो यह जांच में खुलकर सामने आएगा। जांच शुरू होने से पहले टिप्पणी करना उचित नहीं है।”
इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस जारी है और मामले की जांच को लेकर विभिन्न पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ता जा रहा है।