महाराष्ट्र: नागपुर में बीते सप्ताह भड़की हिंसा ने शहर को दंगों की चपेट में ले लिया था। इस हिंसा में एक दर्जन पुलिसकर्मी और उतने ही नागरिक घायल हो गए थे। गाड़ियों में आग लगा दी गई थी, दुकानों को भी जलाया गया और तोड़फोड़ की गई थी। पुलिस का कहना है कि इस हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान नामक शख्स था, जिसके घर पर आज सुबह बुलडोजर चलाया गया। नागपुर महानगरपालिका की टीम ने फहीम खान के घर पर बुलडोजर चलाया, और इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
फहीम खान की भूमिका और गिरफ्तारी
फहीम खान पेशे से बुर्का विक्रेता है और उसे पुलिस ने बीते मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। फहीम खान पर आरोप है कि उसने कुछ उत्तेजक वीडियो जारी किए थे और भड़काऊ बयान दिए थे, जिससे नागपुर शहर में हिंसा फैल गई थी। उसे अदालत में पेश किया गया था और पुलिस ने उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था।
फहीम खान पर कार्रवाई
नागपुर प्रशासन ने फहीम खान के घर के उस हिस्से को ढहा दिया जो अवैध रूप से और अतिक्रमण करके बनाया गया था। अन्य हिस्सों में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई। यह कार्रवाई आज सुबह की गई थी और प्रशासन ने इसे लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी।
फहीम खान का राजनीतिक इतिहास और हिंसा की साजिश
फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) का शहर प्रमुख रह चुका है और 2024 के लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट से उम्मीदवार भी था, हालांकि उसे हार का सामना करना पड़ा था। चुनावी मैदान में उतरने के बाद से वह शहर में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि नागपुर हिंसा की साजिश पहले से ही रची गई थी। फहीम खान ने कुछ कट्टरपंथी तत्वों को इकट्ठा किया और एक सुनियोजित तरीके से दंगा भड़काने का काम किया।
हिंसा का कारण और स्थान
नागपुर के महल इलाके में यह हिंसा हुई थी, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुख्यालय भी स्थित है। हिंसा सोमवार रात उस समय भड़की जब औरंगजेब की कब्र को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद हालात हिंसक हो गए और दंगे फैल गए।
यह घटना नागपुर में प्रशासन की सख्ती और जांच की जरूरत को दर्शाती है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।