झारखंड के हजारीबाग में महाशिवरात्रि के दिन दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प, राजनीतिक दलों में बयानबाजी तेज

Violent clashes between two communities on Mahashivratri in Hazaribagh, Jharkhand, political parties intensify rhetoric

झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक में बुधवार को महाशिवरात्रि के दिन दो समुदायों के बीच हिंसक टकराव, पथराव और आगजनी की घटना के बाद राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेताओं ने इस घटना के लिए राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि सत्तारूढ़ दल का कहना है कि भाजपा और आरएसएस के लोग ने जानबूझकर सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की है।

इरफान अंसारी का बयान
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बुधवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए इस हिंसक झड़प के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “हजारीबाग की घटना की जानकारी मिली है और इस तरह की प्रवृत्तियों को किसी भी हालत में नहीं चलने दिया जाएगा। भाजपा और आरएसएस वाले अल्पसंख्यक समाज को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य में अल्पसंख्यक होना कोई पाप नहीं है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और जो भी कानून अपने हाथ में लेगा, उस पर हम कठोर कार्रवाई करेंगे।”

अंसारी ने आगे कहा, “भा.ज.पा. और आरएसएस की विचारधारा समाज को तोड़ने वाली है। हम मोहब्बत का पैगाम देते हैं, और ये लोग द्वेष की बातें करते हैं। हम चाहते हैं कि देश शांति से चले और सबके बीच सौहार्द्र बना रहे।”

भा.ज.पा. का पलटवार
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “झारखंड में हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। हमारे त्योहारों के दौरान म्लेच्छ लोग पथराव करते हैं। हिंदू समाज को एकजुट होकर इन लोगों से लोहा लेने की जरूरत है। एक भी हिंदू पर पत्थर चलेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”

सीपी सिंह ने इरफान अंसारी के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “इरफान अंसारी को यह सब कहने का क्या हक है? वह मंत्री बने हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वह ऐसे बेतुके बयान दें। उनके कहने से क्या होता है? आरएसएस के खिलाफ दिया गया बयान सरासर गलत है।”

बाबूलाल मरांडी का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इरफान अंसारी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “घटना के बारे में जांच होनी चाहिए और यह पता लगाया जाना चाहिए कि यह कैसे और किसने कराया। मंत्री होते हुए इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।”

राजनीतिक दलों के बीच इस मामले पर बयानबाजी का दौर जारी है और इस घटना के बाद राज्य में तनाव और भी बढ़ सकता है।

ये खबरें भी अवश्य पढ़े

Leave a Comment