RTE अधिनियम के तहत बिहार सरकार की बड़ी पहल

Big initiative of Bihar Government under RTE Act

बिहार में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को अब नामी-गिरामी निजी स्कूलों में पढ़ाई का मौका मिल रहा है। जो स्कूल पहले सिर्फ अमीरों के बच्चों के लिए माने जाते थे, अब वहां हर बच्चा बिना किसी शुल्क के पढ़ाई कर सकता है।

शिक्षा में समानता की दिशा में यह एक बड़ी पहल है, जिसे बिहार सरकार ने गंभीरता से आगे बढ़ाया है। शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कोई भी पात्र बच्चा इस योजना से वंचित न रहे। इस उद्देश्य से ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि अब 19 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।

2025-26 सत्र के लिए दाखिले की यह प्रक्रिया दो चरणों में चल रही है। पहले चरण में राज्य के 364 निजी स्कूलों में 1,640 से अधिक बच्चों का दाखिला हो चुका है। इससे यह साफ है कि जरूरतमंद परिवार अब इस योजना के महत्व को समझकर सक्रिय रूप से इसका लाभ उठा रहे हैं। दूसरे चरण में अब तक 780 आवेदन आ चुके हैं, और अधिक बच्चों को मौका देने के लिए आवेदन की समय सीमा बढ़ाई गई है।

आवेदन कैसे करें: जो माता-पिता आर्थिक रूप से कमजोर, दिव्यांग या वंचित श्रेणी में आते हैं, वे ज्ञानदीप पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की अंतिम तिथि: 19 अप्रैल

दस्तावेज़ जांच: 21 अप्रैल तक

स्कूल आवंटन (लॉटरी के माध्यम से): 25 अप्रैल

एडमिशन प्रक्रिया: 26 से 30 अप्रैल के बीच

सरकार देगी जरूरी शैक्षिक सामग्री भी निःशुल्क:
बच्चों को किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरी सामग्री भी मुफ्त में दी जाएगी ताकि पैसे की कमी उनकी पढ़ाई में रुकावट न बने।

शिक्षा विभाग ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस योजना की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जाए। साथ ही, अभिभावकों से भी आग्रह किया गया है कि आखिरी तारीख का इंतज़ार न करें और जल्द से जल्द आवेदन करें।

“हर बच्चे को समान शिक्षा – यही है सशक्त बिहार की पहचान!”

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